नायनाराच्चान्पिल्लै

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः जन्म नक्षत्र : आवणि (श्रावण), रोहिणी नक्षत्र (यतीन्द्र प्रवणं प्रभावं में चित्रा नक्षत्र दर्शाया गया है) अवतार स्थल: श्रीरंगम आचार्य: पेरियवाच्चान पिल्लै शिष्य: वादिकेसरी अलगिय मणवाल जीयर, श्री रंगाचार्यर्, परकाल दासर, आदि स्थान जहाँ परमपद प्राप्त हुआ: श्रीरंगम रचनाएँ: चरमोपाय निर्णयं (http://ponnadi.blogspot.in/p/charamopaya-nirnayam.html), … Read more

अळगिय मनवाळ पेरुमाळ् नायनार्

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः जन्म नक्षत्र: मार्गशीर्ष, अविट्टम अवतार स्थल: श्रीरंगम आचार्य: वडक्कू तिरुविधि पिल्लै जहाँ परमपद प्राप्त किया : श्रीरंगम रचनाएँ : तिरुप्पावै 6000 पद व्याख्यान, कण्णिनुण् शिरूताम्बु व्याख्यान, अमलनाधिपिरान व्याख्यान, दिव्यप्रबन्ध रहस्य (आलवार के शब्दों के आधार पर रहस्य त्रय का व्याख्यान), आचार्य हृदयं, … Read more

वेदव्यास भट्टर

श्री: श्रीमते शठकोपाये नमः श्रीमते रामानुजाये नम: श्रीमदवरवरमुनयेनम: श्री वानाचलमहामुनयेनमः आल्वान पराशर भट्टर और वेद व्यास भट्टर के साथ जन्म नक्षत्र : वैशाख, अनुराधा अवतार स्थल: श्रीरंगम आचार्य: एम्बार (गोविन्दाचार्य स्वामीजी) स्थान जहाँ परमपद प्राप्त किया: श्रीरंगम वेद व्यास भट्टर कुरेश स्वामीजी के यशस्वी पुत्र और पराशर भट्टर के अनुज थे। उन्हें श्री राम पिल्लै, श्री … Read more

ईयुण्णि माधव पेरुमाळ्

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः जन्म नक्षत्र : कार्तिक, भरणी अवतार स्थल: श्रीरंगम आचार्य: नम्पिळ्ळै (कलिवैरिदास स्वामीजी) शिष्य: ईयुण्णि पद्मनाभ पेरुमाळ्  (उनके पुत्र) ईयुण्णि माधव पेरुमाळ्, नम्पिळ्ळै के प्रिय शिष्य थे। उन्हें सिरियाळ्वान् अप्पिळ्ळै नाम से भी जाना जाता है । तिरुवाय्मोळि का ईडु महा व्याख्यान उन्हीं के माध्यम से … Read more

पिल्लै उरंगा विल्ली (धनुर्दास स्वामीजी)

श्री: श्रीमते शठकोपाये नमः श्रीमते रामानुजाये नम: श्रीमदवरवरमुनयेनम: श्री वानाचलमहामुनयेनमः जन्म नक्षत्र : माघ, अश्लेषा अवतार स्थल: उरैयूर आचार्य: एम्पेरुमानार स्थान जहाँ परमपद प्राप्त किया: श्रीरंगम पिल्लै उरंगा विल्ली दासर राजा के सभा के एक महान पहलवान थे और अपनी पत्नी पोंन्नाच्चियार (हेमाम्बा) के साथ उरैयूर में रहते थे। वे अपनी पत्नी की सुंदरता (विशेषतः … Read more

पेरिय तिरुमलै नम्बि (श्री शैलपूर्ण स्वामीजी)

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः  जन्म नक्षत्र: वैशाख, स्वाति अवतार स्थल: तिरुमला (तिरुवेंकटम) आचार्य: आलवन्दार शिष्य: एम्पेरुमानार (ग्रंथ कालक्षेप शिष्य), मलैकुनिय निन्र पेरुमाल, पिल्लै तिरुक्कुलामुदैयार, भट्टारियरिल शठगोपदासार तिरुमलै नम्बि का जन्म तिरुमला में श्री वेंकटेश भगवान के आशीर्वाद से हुआ। वे आलवन्दार के प्रधान शिष्यों में से एक … Read more

वन्गि पुरत्तु नम्बि

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः   एम्पेरुमानार (श्री रामानुजाचार्य) और् वन्गि पुरत्तु नम्बि जन्म नक्षत्र: जानकारी प्राप्त नहीं अवतार स्थल: जानकारी प्राप्त नहीं (संभवतः वन्गिपुरम जो उन के पिताश्री का पैतृक गाँव है या श्रीरंगम, जहाँ मणक्काल् नम्बि के शिष्य बनने के बाद उन के पिताश्री वन्गि पुरत्तु … Read more

तिरुक्कोष्टियुर नम्बी (गोष्ठीपूर्ण स्वामीजी)

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः जन्म नक्षत्र: वैशाख, रोहिणी नक्षत्र अवतार स्थल: तिरुक्कोष्टियूर आचार्य: आळवन्दार शिष्य: रामानुजाचार्य (ग्रन्थ कालक्षेप शिष्य) पेरियालवार ने अपने पेरियालवार तिरुमोळि 4.4 – “नाव कारियम” दशक में तिरुक्कोष्टियूर दिव्य देश की बड़ी प्रशंसा की है। तिरुक्कुरुगै पिरान, जिनका जन्म इस सुन्दर दिव्य देश में हुआ … Read more

तिरुक्कण्णमन्गै आण्डान्

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः जन्म नक्षत्र : ज्येष्ठा – श्रवण नक्षत्र अवतार स्थल : तिरुक्कण्णमन्गै आचार्य : नाथमुनि स्वामीजी जहाँ परमपद प्राप्त किया : तिरुक्कण्णमन्गै रचना : नाच्चियार तिरुमोली की तनियन जो “अल्लि नाल थामरै मेल्” से शुरू होती है भक्तवत्सल भगवान तायार् के साथ – तिरुक्कण्णमन्गै तिरुक्कण्णमन्गै आण्डान् – … Read more