तिरुवेंकट रामानुज एम्बार जीयर

श्री:श्रीमते शठकोपाय नमःश्रीमते रामानुजाय नमःश्रीमद्वरवरमुनये नमःश्री वानाचलमहामुनये नमः तिरुनक्षत्र: श्रावण मास, रोहिणी अवतार स्थल:  मधुरमंगलम आचार्य: कोइल कन्दाडै रंगाचार्य स्वामी (चण्दमारुतं डोडाचार्य तिरुवंश) शिष्य: अनेक शिष्य स्थान जहाँ उन्होंने परमपद प्राप्त किया: भूतपुरी तिरुवेंकट रामानुज एम्बार जीयर का जन्म गौरवशाली  श्रीवत्स वंश में, मधुरमंगलम क्षेत्र में 1805 क्रिस्चन इरा, आंग्ल  वर्ष में हुआ था।  में, … Read more

अप्पाच्चियारण्णा

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः अप्पाच्चियारण्णा – श्रीदाशरथी स्वामीजी तिरुमाळिगै, सिंगप्पेरुमाल कोयिल तिरुनक्षत्र: श्रवण, हस्त नक्षत्र अवतार स्थल:  श्रीरंगम आचार्य: पोन्नडिक्काल् जीयर शिष्य: अण्णाविलप्पन (उनके पुत्र), आदि श्रीरंगम में जन्मे, उनके पिता श्री सिररण्णर द्वारा उनका नाम वरदराजन रखा गया था। उनका जन्म श्री श्रीदाशरथी स्वामीजी के प्रसिद्ध … Read more

तिरुमलिसै अण्णावप्पंगार

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः श्री भक्तिसार तिरुनक्ष्त्र: ज्येष्ठ, धनिष्ठा अवतार स्थल:  तिरुमलिसै आचार्य: नरसिम्हाचार्य (उनके पिताश्री) तिरुमलिसै (महिसार क्षेत्रं) में जन्मे, उनके पिता नरसिम्हाचार्य द्वारा उनका नाम वीरराघवन रखा गया। उनका जन्म श्री दाशरथि स्वामीजी के प्रसिद्ध वादुल वंश में हुआ था। उन्होंने भक्तिसारोदयं नामक अपने … Read more

पिल्लै लोकम् जीयर

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः पिल्लै लोकम् जीयर, तिरुवल्लिक्केणी तिरुनक्षत्र:: चैत्र, श्रवण नक्षत्र अवतार स्थल: कांचीपुरम आचार्य: शठकोपाचार्य रचनाएँ: तनियन व्याख्यान, रामानुज दिव्य चरित, यतीन्द्र प्रवण प्रभावं, रामानुज नूट्र्रांताति व्याख्यान, श्रीवरवरमुनि स्वामीजी की प्रायः सभी सूक्तियों पर व्याख्यान, कुछ रहस्य ग्रंथों के लिए व्याख्यान, चेय्य तामरै तालिनै … Read more

श्री भूतपुरि आदि यतिराज जीयर

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः तिरुनक्षत्र: अश्विन मास पुष्य नक्षत्र अवतार स्थल:  ज्ञात नहीं आचार्य: श्रीवरवरमुनि स्वामीजी स्थान जहाँ उन्होंने परमपद प्राप्त किया: श्रीपेरुम्बुदुर यतिराज जीयर मठ, श्रीपेरुम्बुदुर (श्रीरामानुज स्वामीजी का अवतार स्थल) आदि (प्रथम) यतिराज जीयर ने स्थापित किया था। यह यतिराज जीयर मठ बहुत अनोखा … Read more

कोयिल कन्दाडै अप्पन्

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः कोयिल कन्दाडै अप्पन् – कांचीपुरम अप्पन स्वामी तिरुमाळिगै तिरुनक्षत्र: भाद्रपद, मघा तीर्थम्: कार्तिक शुक्ल पंचमी अवतार स्थल: श्रीरंगम आचार्य: मणवाल मामुनिगल/ श्रीवरवरमुनी स्वामीजी रचनाएँ: वरवरमुनि वैभव विजयं मुदलियाण्डान्/दाशरथि स्वामीजी (जिन्हें यतिराज पादुका- श्रीरामानुज स्वामीजी के चरणकमलों की पादुका के नाम से भी … Read more

अप्पिळ्ळार

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः तिरुनक्षत्र: ज्ञात नहीं अवतार स्थल: ज्ञात नहीं आचार्य: श्रीवरवरमुनि स्वामीजी रचनायें: संप्रदाय चन्द्रिका, काल प्रकाशिका अप्पिळ्ळार – चित्रपट अप्पिळ्ळान नाम से भी पहचाने जाने वाले, अप्पिळ्ळार एक महान विद्वान् थे. ऐसा कहा जाता है कि वे श्री रामानुज स्वामीजी के प्रिय शिष्य … Read more

अप्पिळ्ळै

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः अप्पिळ्ळै – चित्रपट तिरुनक्षत्र: ज्ञात नहीं अवतार स्थल: ज्ञात नहीं आचार्य: श्रीवरवरमुनि स्वामीजी रचनायें: इयरपा के सभी तिरुवंतादी पर व्याख्यान, तिरुविरुत्तम् के लिए व्याख्यान (प्रथम 15 पासूरों), यतिराज विंशति के लिए व्याख्यान, वाळि तिरुनामं प्रणतार्तिहर नाम से जन्मे, वे अप्पिल्लै नाम से प्रसिद्ध हुए। … Read more

एरुम्बी अप्पा

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः एरुम्बी अप्पा- कांचीपुरम अप्पन स्वामी तिरुमालिगै तिरुनक्षत्र: अश्विन मास, रेवती नक्षत्र अवतार स्थल: एरुम्बी आचार्य:अलगिय मणवाल मामुनिगल/ श्री वरवरमुनि स्वामीजी शिष्य: पेरियवप्पा (उनके पुत्र), सेनापति आलवान रचनाएँ: पूर्व दिनचर्या, उत्तर दिनचर्या, वरवरमुनि शतकम, विलक्षण मोक्ष अधिकारी निर्णयं, उपदेश रत्नमाला के लिए अंतिम … Read more

पत्तन्गि परवस्तु पट्टरपिरान् जीयर

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः तिरुनक्षत्र: कार्तिक पुनर्वसु अवतार स्थल: कांचीपुरम (पेरिय तिरुमुड़ी अदैवू के अनुसार तिरुमला) आचार्य: मणवाल मामुनिगल/ श्रीवरवरमुनि स्वामीजी शिष्य: कोइलअप्पन (उनके पुर्वाश्रम के पुत्र),  परवस्तु अण्णन, परवस्तु अलगिय मणवाल जीयर, अण्णराय चक्रवर्ती, मेल्नाट्टू तोज्हप्पर नायनार, आदि रचनाएं: अंतिमोपाय निष्ठा स्थान जहाँ उन्होंने परमपद प्राप्त किया: … Read more