मधुरकवि आळ्वार्

श्रीः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः तिरुनक्षत्र – चैत्र मास , चित्रा नक्षत्र अवतार स्थल – तिरुक्कोळूर् आचार्य – नम्माळ्वार (श्रीशठकोप स्वामीजी) स्थल जहाँ से परमपद को प्रस्थान हुए – आऴ्वार् तिरुनगरि ग्रंथ रचना सूची – कण्णिनुण् शिरूताम्बु नम्पिळ्ळै (श्रीकलिवैरीदास स्वामीजी) ने व्याख्यान अवतरिका में मधुरकवि आळ्वार की वैभवता के बारे में अति सुन्दरता से वर्णन … Read more

मुदल आळवार

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः अपने पूर्व अनुच्छेद में हमने पोन्नडिकाल जीयर् के जीवन के विषय में चर्चा की थी। इस क्रम को आगे बढ़ते हुए, अब हम अन्य आळवार और आचार्यों के विषय में जानेंगे। इस अनुच्छेद में मुदल आळवारों की वैभवता के बारे में चर्चा करेंगे। पोइगै आळवार तिरुनक्षत्र – अश्वयुज मास … Read more

नम्मालवार

श्री: श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः हम ने अपने पूर्व भाग में श्री सेनै मुदलियार (श्री विष्वक्सेन) के बारे में ज्ञान प्राप्त किया । आज हम ओराण वाली गूरु परम्परा में अगले आचार्य श्री नम्मालवार के बाऱे में जानने की कोशिश करेंगे। तिरुनक्षत्र: वृषभ मास ,विशाखा नक्षत्र आवतार स्थल : आल्वार तिरुनगरि … Read more