முதலாழ்வார்கள்

ஸ்ரீ: ஸ்ரீமதே ஶடகோபாய நம: ஸ்ரீமதே ராமாநுஜாய நம: ஸ்ரீமத் வரவரமுநயே நம: ஸ்ரீ வாநாசல மஹாமுநயே நம: இந்த கட்டுரையில் முதலாழ்வார்கள் (பொய்கையார், பூதத்தார், பேயார்) வைபவத்தை பேசுவோம். பொய்கை ஆழ்வார் : திருநட்சத்திரம் : ஐப்பசி திருவோணம் அவதார திருத்தலம் : திருவெஃகா (காஞ்சிபுரம்) ஆசாரியன் : சேனை முதலியார் பிரபந்தம் : முதல் திருவந்தாதி திருவெஃகா யதோக்தகாரி பெருமாள் கோயிலின் அருகில் உள்ள குளத்தில் (புஷ்கரணி) பொய்கை ஆழ்வார் அவதரித்தார். இவரின் மறு … Read more

तोन्डरडिप्पोडि आळ्वार

श्री: श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचल महामुनये नमः तिरुनक्षत्र : मार्गशीर्ष मास – ज्येष्ठा नक्षत्र आवतार स्थल : तिरुमण्डंगुडि आचार्यं : श्रीविष्वक्सेन स्वामीजी ग्रंथ रचना सूची : तुरुमालै, तिरुपळ्ळियेळ्ळुच्चि परमपद प्रस्थान प्रदेश : श्रीरंगम आचार्य नन्जीयर/वेदांती स्वामीजी, अपने  तिरुपळ्ळियेळ्ळुच्चि के व्याख्यान की अवतारिका में “अनादि मायया सुप्तः” प्रमाण से साबित करते है कि आळ्वार संसारी (बद्धजीव) थे (अनादि काल … Read more

आण्डाल

श्रीः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः तिरुनक्षत्र : आशड मास, पूर्व फाल्गुनी नक्षत्र अवतार स्थल : श्री विल्लिपुत्तूर आचार्य : पेरियाल्वार ग्रंथ रचना : नाच्चियार तिरुमोलि, तिरुप्पावै तिरुप्पावै ६००० पड़ी व्याख्यान में, श्री पेरियवाच्चान पिल्लै सर्वप्रथम अन्य आल्वारों की तुलना में आण्डाल के वैभव और महत्व का प्रतिपादन करते है | वे … Read more

पेरियाळ्वार

श्रीः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः     तिरुनक्षत्र – स्वाति नक्षत्र , ज्येष्ठ मास अवतार स्थल – श्री विल्लिपुत्तूर आचार्य – श्री विष्वकसेन ग्रंथ रचना सूची – तिरुप्पल्लाण्डु, पेरियाळ्वार तिरुमोळि पेरियवाच्चान पिळ्ळै श्री पेरियाळ्वार के तिरुप्पल्लाण्डु व्याखा की भूमिका मे अत्यन्त सुन्दरता से उनका गुणगान करते है । पेरियवाच्चान पिळ्ळै यहाँ तादात्म्य रूप से … Read more

कुलशेखर आळ्वार

श्रीः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः तिरुनक्षत्र: माघ मास, पुनर्वसु नक्षत्र आवतार स्थल : तिरुवंजिक्कलम आचार्यं: श्री विष्वक्सेनजी रचना : मुकुंद माला , पेरुमाळ तिरुमोळि परमपद प्रस्थान प्रदेश : मन्नार कोयिल (तिरुनेल्वेलि के पास) श्रीकुलशेखराळ्वार् की महानता यह है कि क्षत्रिय कुल (जो स्वाभाविक हितकर अहँकार के लिए जाना जाता हैं) में पैदा … Read more

तिरुमळिशै आळ्वार (भक्तिसारमुनि)

श्री श्रीमते रामानुजाय नमः श्री मद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमुनये नमः तिरुनक्षत्र – माघ मास मघा नक्षत्र अवतार स्थल – तिरुमळिशै (महीसारपुरम) आचार्य– विष्वक्सेन,(भगवान नारायणा के मुख्य सेनाधिपति),पेयालवार (महदयोगि) शिष्य: कणिकण्णन, धृढव्रत ग्रन्ध: नान्मुगन तिरुवन्दादि, तिरुचन्द विरुत्तम परमपद(वैकुण्ठ) प्राप्ति स्थल: तिरुकुडन्दै (कुम्बकोणं) मामुनिगळ, आळ्वार के गुणगान करते हुए बताते हैं कि इन्हें शास्त्रार्थ का सुस्पष्ठ ज्ञान है। शास्त्र … Read more

मधुरकवि आळ्वार्

श्रीः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः तिरुनक्षत्र – चैत्र मास , चित्रा नक्षत्र अवतार स्थल – तिरुक्कोळूर् आचार्य – नम्माळ्वार (श्रीशठकोप स्वामीजी) स्थल जहाँ से परमपद को प्रस्थान हुए – आऴ्वार् तिरुनगरि ग्रंथ रचना सूची – कण्णिनुण् शिरूताम्बु नम्पिळ्ळै (श्रीकलिवैरीदास स्वामीजी) ने व्याख्यान अवतरिका में मधुरकवि आळ्वार की वैभवता के बारे में अति सुन्दरता से वर्णन … Read more

मुदल आळवार

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः अपने पूर्व अनुच्छेद में हमने पोन्नडिकाल जीयर् के जीवन के विषय में चर्चा की थी। इस क्रम को आगे बढ़ते हुए, अब हम अन्य आळवार और आचार्यों के विषय में जानेंगे। इस अनुच्छेद में मुदल आळवारों की वैभवता के बारे में चर्चा करेंगे। पोइगै आळवार तिरुनक्षत्र – अश्वयुज मास … Read more

नम्मालवार

श्री: श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः हम ने अपने पूर्व भाग में श्री सेनै मुदलियार (श्री विष्वक्सेन) के बारे में ज्ञान प्राप्त किया । आज हम ओराण वाली गूरु परम्परा में अगले आचार्य श्री नम्मालवार के बाऱे में जानने की कोशिश करेंगे। तिरुनक्षत्र: वृषभ मास ,विशाखा नक्षत्र आवतार स्थल : आल्वार तिरुनगरि … Read more