पत्तन्गि परवस्तु पट्टरपिरान् जीयर
श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः तिरुनक्षत्र: कार्तिक पुनर्वसु अवतार स्थल: कांचीपुरम (पेरिय तिरुमुड़ी अदैवू के अनुसार तिरुमला) आचार्य: मणवाल मामुनिगल/ श्रीवरवरमुनि स्वामीजी शिष्य: कोइलअप्पन (उनके पुर्वाश्रम के पुत्र), परवस्तु अण्णन, परवस्तु अलगिय मणवाल जीयर, अण्णराय चक्रवर्ती, मेल्नाट्टू तोज्हप्पर नायनार, आदि रचनाएं: अंतिमोपाय निष्ठा स्थान जहाँ उन्होंने परमपद प्राप्त किया: … Read more