नडातुर अम्माल
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमदवरवरमुनयेनम: श्री वानाचलमहामुनयेनमः तिरुनक्षत्र : चैत्र, चित्रा अवतार स्थल: कांचीपुरम आचार्य: एन्गलाल्वान् शिष्य: श्रुतप्रकाशिका भट्टर (सुदर्शन सूरी), किदाम्बी अप्पिल्लार आदि स्थान जहाँ परमपद प्राप्त किया: कांचीपुरम रचनायें: तत्व सारं, परत्ववादी पंचकं (वृस्तत विवरण http://ponnadi.blogspot.in/2012/10/archavathara-anubhavam-parathvadhi.html पर), गजेन्द्र मोक्ष श्लोक द्वयं, परमार्थ श्लोक द्वयं, प्रपन्न पारिजात, चरमोपाय संग्रहम्, श्री भाष्य उपन्यासं, प्रमेय … Read more