दिव्य दम्पति – श्री पेरिय पेरुमाळ् और श्री पेरिय पिराट्टि
:श्रीः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः जय श्रीमन्नारायण । आळ्वार एम्पेरुमानार् जीयर् तिरुवडिगळे शरणं । पिछले लेख मे (https://acharyas.koyil.org/index.php/2013/08/29/introduction-2-hindi/) हमने श्री गुरुपरम्परा के बारे मे संक्षिप्त रूप मे देखा । अब हम ओराण्वळि गुरुपरम्परा प्रारंभ करेंगे । ओराण्वळि का अर्थ हैं ज्ञानको एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक परम्परागत(अनुक्रम) प्रदान करना । जैसे हमने … Read more