पिल्लै उरंगा विल्ली (धनुर्दास स्वामीजी)

श्री: श्रीमते शठकोपाये नमः श्रीमते रामानुजाये नम: श्रीमदवरवरमुनयेनम: श्री वानाचलमहामुनयेनमः जन्म नक्षत्र : माघ, अश्लेषा अवतार स्थल: उरैयूर आचार्य: एम्पेरुमानार स्थान जहाँ परमपद प्राप्त किया: श्रीरंगम पिल्लै उरंगा विल्ली दासर राजा के सभा के एक महान पहलवान थे और अपनी पत्नी पोंन्नाच्चियार (हेमाम्बा) के साथ उरैयूर में रहते थे। वे अपनी पत्नी की सुंदरता (विशेषतः … Read more

एन्गळाळ्वान्

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः एन्गळाळ्वान् सहित नडादूरम्माळ् (उत्तरवर्ती पूर्ववर्ती के चरणकमलों मे) जन्म नक्षत्र – चैत्र मास, रोहिणि नक्षत्र अवतार स्तल् – तिरुवेळ्ळरै आचार्य   –  श्रीरामानुजाचार्य स्वामी तथा तिरुक्कुरुगैपिरान् पिळ्ळान् शिष्य    –  नडादूरम्माळ् परम्पद प्राप्त स्थल – कोल्लन्कोन्डान् (मदुरै के निकट) लेखन (ग्रन्थ सूची) – सारार्थ चतुष्टयम् ( वार्तामाला का ) , … Read more

पेरिय तिरुमलै नम्बि (श्री शैलपूर्ण स्वामीजी)

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः  जन्म नक्षत्र: वैशाख, स्वाति अवतार स्थल: तिरुमला (तिरुवेंकटम) आचार्य: आलवन्दार शिष्य: एम्पेरुमानार (ग्रंथ कालक्षेप शिष्य), मलैकुनिय निन्र पेरुमाल, पिल्लै तिरुक्कुलामुदैयार, भट्टारियरिल शठगोपदासार तिरुमलै नम्बि का जन्म तिरुमला में श्री वेंकटेश भगवान के आशीर्वाद से हुआ। वे आलवन्दार के प्रधान शिष्यों में से एक … Read more

सोमासियाण्डान् (सोमयाजि स्वामीजी)

  श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवर मुनये नमः श्री वानाचल महामुनये नमः रामानुजाचार्य जन्म नक्षत्र – चैत्र मास आर्द्रा नक्षत्र अवतार स्थल – काराञ्ची आचार्य – रामानुजाचार्य रचना : श्रीभाष्य-विवरण , गुरु-गुणावली (रामानुजाचार्य कि महिमा के बारे में वार्ता), संक्षेप-षडर्थ सोमासियाण्डान् (सोमयाजि स्वामीजी) सोम यज्ञ की अनुष्ठान करने वाले परिवार में पैदा हुए. बचपन में उनका नाम श्री … Read more

वन्गि पुरत्तु नम्बि

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः   एम्पेरुमानार (श्री रामानुजाचार्य) और् वन्गि पुरत्तु नम्बि जन्म नक्षत्र: जानकारी प्राप्त नहीं अवतार स्थल: जानकारी प्राप्त नहीं (संभवतः वन्गिपुरम जो उन के पिताश्री का पैतृक गाँव है या श्रीरंगम, जहाँ मणक्काल् नम्बि के शिष्य बनने के बाद उन के पिताश्री वन्गि पुरत्तु … Read more

अरुळाळ पेरुमाल एम्पेरुमानार

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः अरुळाळ पेरुमाल एम्पेरुमानार – तिरुप्पाडगम् तिरुनक्षत्रम — भरणी, वृश्चिक मास अवतार स्थान — विन्जिमूर आचार्य — एम्पेरुमानार (भगवत रामानुज) शिष्य — अनन्ताळ्वान, एच्चान, तोण्डनूर नम्बि, मरुदूर नम्बि आदी कार्य — ज्ञान सारम, प्रमेय सारम् आदी अरुळाळपेरुमाल एम्पेरुमानार ने आन्द्र प्रदेश के विन्जिमूर मे … Read more

किडाम्बि आच्चान्

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवर मुनये नमः श्री वानाचल महामुनये नमः जन्म नक्षत्र – चित्रा, हस्त अवतार स्थल – कांचीपुरम आचार्य – रामानुजाचार्य बचपन में उनका नाम “प्रणतार्तिहरर्” था. ( देवराज अष्टकम में स्वामी तिरुकच्ची नम्बि ने वरदराज स्वामी को बड़े सम्मान और प्यार से प्रणतार्तिहरर् कहके पुकारा.) उनको श्री रामानुजाचार्य / एम्बेरुमानार के मुख्य रसोइया बनाया गया … Read more

तिरुक्कोष्टियुर नम्बी (गोष्ठीपूर्ण स्वामीजी)

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचलमहामुनये नमः जन्म नक्षत्र: वैशाख, रोहिणी नक्षत्र अवतार स्थल: तिरुक्कोष्टियूर आचार्य: आळवन्दार शिष्य: रामानुजाचार्य (ग्रन्थ कालक्षेप शिष्य) पेरियालवार ने अपने पेरियालवार तिरुमोळि 4.4 – “नाव कारियम” दशक में तिरुक्कोष्टियूर दिव्य देश की बड़ी प्रशंसा की है। तिरुक्कुरुगै पिरान, जिनका जन्म इस सुन्दर दिव्य देश में हुआ … Read more

कोयिल् कोमाण्डूर् इळैयविल्लि आच्चान् (श्रीबालधन्वी गुरु)

श्री: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमद् वरवरमुनये नम: श्री वानाचल महामुनये नम: श्रीबालधन्वी गुरु– सेम्पोंसे कोइल, तिरुनांगूर तिरुनक्षत्र: अश्लेषा नक्षत्र, चैत्र मास अवतार स्थल: कोमाण्डूर आचार्य: श्री रामानुज स्वामीजी स्थान जहां उनका परमपद हुआ: तिरूप्पेरूर श्रीबालधन्वी गुरु (इळैयविल्लि) रामानुज स्वामीजी के मौसेरे भाई (श्रीगोविंदाचार्य स्वामीजी के जैसे) थे। उन्हें श्रीबालधन्वी गुरु के नाम से बुलाते थे। इळैयविल्लि / … Read more

मुदलियाण्डान् (दाशरथि स्वामीजी)

श्री: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमद् वरवरमुनये नम: श्री वानाचल महामुनये नम: तिरुनक्षत्र: पुनर्वसु, मेष मास अवतार स्थल: पेट्टै आचार्य: श्री रामानुज स्वामीजी स्थान जहां उनका परमपद हुआ: श्रीरंगम कार्य: धाटी पंचकम, रहस्य त्रयं (अब उपलब्ध नहीं हैं) आनन्द दीक्षितर और नाचियारम्मा के पुत्र के रूप में जन्में आपश्री का नाम दाशरथि रखा गया । ये श्री रामानुज स्वामीजी … Read more